रामगढ़ जिले के बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र में 13 नवंबर को मतदान होगा, जिसमें कुल 26 प्रत्याशी मैदान में हैं। प्रमुख मुकाबला बीजेपी के रोशन लाल चौधरी और कांग्रेस की अंबा प्रसाद के बीच माना जा रहा है। बड़कागांव में 3,86,000 मतदाता 456 बूथों पर मतदान करेंगे। पारंपरिक रूप से इस क्षेत्र में कांग्रेस, आजसू, और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला होता रहा है, और इस बार भी दिलचस्प संघर्ष की उम्मीद है।
पिछला चुनावी परिदृश्य
2019 में कांग्रेस की अंबा प्रसाद ने आजसू के रोशन लाल चौधरी को हराया था। इससे पहले भी कांग्रेस की निर्मला देवी और योगेंद्र साव ने इस क्षेत्र में जीत दर्ज की थी। हालांकि, बीजेपी का दबदबा पहले के वर्षों में दिखा है जब लोकनाथ महतो 2005 और 2009 में विधायक बने। आजसू की हार के कारणों में स्थानीय मतदाताओं की नाराजगी और गठबंधन की रणनीति का असफल होना भी शामिल है।
परिवारवाद और स्थानीय समीकरण
रोशन लाल चौधरी का टिकट भाजपा से मिलने पर स्थानीय कार्यकर्ताओं की नाराजगी देखने को मिल रही है। वे उन्हें बाहरी उम्मीदवार मानते हैं। रोशन लाल सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी के भाई और आजसू प्रमुख सुदेश महतो के रिश्तेदार हैं। दूसरी ओर, अंबा प्रसाद अपने प्रचार में बड़कागांव की बेटी होने का दावा कर रही हैं। उनका कहना है कि क्षेत्र की जनता उन्हें अपने परिवार का हिस्सा मानती है।
जनसंपर्क के दौरान माताओं बहनों से मिले अपनत्व, प्यार और आशीर्वाद से अभिभूत हूँ। pic.twitter.com/yvDLRtPIRl
— Amba Prasad (@AmbaPrasadINC) November 6, 2024
अंबा का बीजेपी पर हमला
अंबा प्रसाद ने कहा कि भाजपा को चुनाव के लिए योग्य उम्मीदवार नहीं मिला, इसलिए गोला क्षेत्र से तीन बार हारे हुए प्रत्याशी को चुना गया। उन्होंने परिवारवाद पर भी प्रहार करते हुए कहा कि रौशन लाल के परिवार ने कभी क्षेत्र की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया।
बड़कागांव का जातीय समीकरण भी इस चुनाव में अहम भूमिका निभाएगा।