Bishnugarh News- मड़मो पंचायत के आदिवासी बहुल डुमरियाटांड में सरना समुदाय द्वारा प्रकृति पूजा बाहा पर्व (सरहुल) धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान जाहेर थान में समुदाय से जुड़े लोगों ने सखुवा पुष्प अर्पित कर पूजा अर्चना किया। इस दौरान बड़ी संख्या में सरना समाज के लोग जुटे और प्रसाद स्वरूप सखुआ का पुष्प ग्रहण किया। मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी प्रस्तुति की गई। जिसमें लोग घंटों झूमते रहे। बाहा पर्व में बतौर मुख्य अतिथि आदिवासी सेंगेल अभियान के झारखण्ड प्रदेश अध्यक्ष देवनारायण मुर्मू शामिल हुए। उन्होंने कहा कि बाहा पर्व आदिवासी समाज का मुख्य पर्व है। इस दौरान प्रकृति की पूजा की जाती है। कहा कि नववर्ष आने पर प्रकृति में बदलाव आता है।
पेड़-पौधों में नए पत्ते, फूल, फल आदि आते हैं। इन्हीं फल-फूल आदि को आदिवासी समाज अपने इष्ट देवता मरांगबुरू जाहेर आयो को समर्पित करने के पश्चात ग्रहण करते हैं। कहा कि आदिवासी समाज का प्रकृति के साथ गहरा रिश्ता है। उन्होंने मूलवासी होने के बावजूद आदिवासी समाज के लिए सरना धर्म कोड की मांग रखी। कहा कि इसके बिना आदिवासियों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। सेंगेल हजारीबाग युवा मोर्चा अध्यक्ष विजय टुडू ने आदिवासी समाज क हितों पर अपनी बातें रखी। सामाजिक एकजुटता पर बल दिया। समारोह को मड़मो मुखिया कुन्ती कुमारी, जिला सेंगेल अध्यक्ष बहाराम हांसदा ने भी संबोधित किया। मौके पर समाजसेवी देबीराम हेमब्रोम, महादेव मुर्मू, बहाराम मरांडी, शनिचर सोरेन, अर्जुन मरांडी, फूलचंद हेमब्रोम, लीलमुनी सोरेन, काजल हांसदा, खुशबू मुर्मू के अलावा बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।