फिल्म इंडस्ट्री में पहचान बनाना कभी आसान नहीं होता, खासकर जब आप एक छोटे शहर या गांव से आते हैं। लेकिन बिहार के सिवान जिले से ताल्लुक रखने वाले अभिनेता दीपक सिंह ने अपनी कड़ी मेहनत और अभिनय के प्रति जुनून से भारतीय सिनेमा में एक खास मुकाम हासिल किया है। उन्होंने कई भाषाओं में अपनी अभिनय प्रतिभा का प्रदर्शन कर दर्शकों और फिल्म निर्माताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
इन दिनों दीपक सिंह अपनी बहुप्रतीक्षित भोजपुरी फिल्म ‘करियट्ठी’ को लेकर चर्चा में हैं। यह फिल्म राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता निर्देशक नितिन नीरा चंद्रा के निर्देशन में बनी है और इसे अभिनेत्री-निर्माता नीतू चंद्रा श्रीवास्तव ने प्रोड्यूस किया है। इस फिल्म में दीपक सिंह एक ईमानदार शिक्षक ‘जगदीश दुबे’ की भूमिका निभा रहे हैं, जो समाज में एक आदर्श शिक्षक के रूप में सम्मानित है। लेकिन कहानी में एक अप्रत्याशित मोड़ आता है, जो दर्शकों को चौंका देता है।
दीपक सिंह का मानना है कि ‘करियट्ठी’ केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि विश्व स्तरीय सिनेमा है, जो भोजपुरी में एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दे को उठाती है। उन्होंने निर्देशक नितिन चंद्रा की तारीफ करते हुए कहा, “वे एक अनुभवी निर्देशक हैं, जो अपने काम में गहराई से निपुण हैं। उनकी प्लानिंग और निर्देशन का अनोखा अंदाज उनकी फिल्मों में बखूबी झलकता है। मैंने उनके निर्देशन में तीन छठ गीतों में भी काम किया है और सुरेश वाडेकर के साथ एक गाना भी किया है।”
दीपक सिंह का अभिनय सफर तमिल, हिंदी और भोजपुरी सिनेमा तक फैला हुआ है। मार्शल आर्ट में ब्लैक बेल्ट हासिल करने वाले दीपक ने अनुपम खेर के ‘एक्टर प्रिपेयर्स’ एक्टिंग स्कूल से अभिनय की ट्रेनिंग ली है।
उनका फिल्मी सफर 2008 में तमिल फिल्म ‘AEGAN’ से शुरू हुआ। इसके बाद 2010 में उन्होंने भोजपुरी सिनेमा में ‘देसवा’ से कदम रखा, जिसमें उनके किरदार ‘शंकर पांडेय’ को दर्शकों ने खूब सराहा। यह फिल्म भी नितिन चंद्रा द्वारा निर्देशित थी और यह अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह, गोवा में शामिल होने वाली बिहार की पहली भोजपुरी फिल्म बनी।
दीपक ने इसके बाद ‘एक बुरा आदमी’ (2012), ‘आयाम’ (2014), ‘वन्स अपॉन ए टाइम इन बिहार’ (2015), और ‘द सुपर हसबैंड’ (2024) जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया। अब 2025 में वे ‘करियट्ठी’ के साथ दर्शकों का दिल जीतने के लिए तैयार हैं।
हर फिल्म में दीपक सिंह ने अलग-अलग और दमदार किरदारों को निभाकर अपनी अभिनय क्षमता का प्रदर्शन किया है। उनके पिता भृगुनाथ सिंह के घर जन्मे दीपक ने अपनी लगन और मेहनत से एक-एक फिल्म के साथ दर्शकों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई है।
‘करियट्ठी’ भारत सरकार के OTT प्लेटफॉर्म पर ट्रेंडिंग में नंबर एक पर है और दर्शक उनके काम की जमकर सराहना कर रहे हैं। यह तो तय है कि दीपक सिंह अब भारतीय सिनेमा के उन चुनिंदा कलाकारों में शामिल हो चुके हैं, जिन्होंने अपनी अभिनय क्षमता से भाषा की सीमाओं को लांघकर बहुभाषी सिनेमा में अपना लोहा मनवाया है।