Sunday, October 13, 2024
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करम पर्व का झारखंड में विशेष महत्व, विसर्जन के दौरान विशेष सावधानी बरतने की जरूरत : पूरन राम

हिंदू परंपरा में साल भर में कई त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें से एक है करमा पूजा… भारतीय त्योहारों में शुमार करमा पूजा (Karma Puja) को मुख्यरुप से झारखंड, बिहार, असम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है.इसके साथ ही हमारे बरही प्रखंड समेत समूचे झारखंड में करमा पर्व की धूम है,इस दिन हमारी बहनो में करम पर्व कों लेकर एक उल्लास सा छा जाता है.वें श्रद्धा से करम पर्व मनाते हैं.

कहा जाता है की अभी आंगन में भादो का कादो भर गया है.और यह कादो तभी जमेगा जब आंगन में करम के सामने झूमर खेला जायेगा. यह पर्व भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक है. साथ ही यह प्रकृति के साथ संबंध पर भी केंद्रित है.भाई की सुख-समृद्धि के लिए बहनें पूजा करती हैं. करम के अवसर पर भादो माह की प्राकृतिक छटा को भी देखते ही बनता है. इस पर्व के महत्व को देखते हुए गांव हो या शहर सभी जगह उल्लास से भर जाता है जगह-जगह झूमर अखड़ा नाच का आयोजन किया जाता है,व इस दिन बहनें अपने भाइयों की दीर्घायु और मंगलमय भविष्य की कामना करती हैं.इसके साथ ही समाजसेवी पूरन राम ने प्रशासन व सामाजिक तबके के लोगों सें यह अपील किया कि करम पर्व के उपरांत विसर्जन के दिन हमें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि विसर्जन का कार्य नदी तालाब व पोखरो में किया जाता है अभी देखा जाए तो यह बारिश के कारण लबालब भरी हुई है कोई अनहोनी ना हो इसके लिए सावधानी जरूरी है बड़े समझदार व्यक्ति अपनी निगरानी में ही करम डाल का विसर्जन करवाएं अगर ज्यादा गहरा या बहाव पानी हों तो वहां जाने से अपनी बहनों को रोके यह खुशियों का पर्व है इसमें कोई विघ्न न उत्पन्न हो ऐसा प्रयास हम सभी को करना चाहिए,

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