Wednesday, September 18, 2024
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सावन की चौथी सोमवारी के अवसर पर हजारीबाग यूथ विंग के द्वारा दूध बेलपत्र का किया गया वितरण

  • संरक्षक के द्वारा पदाधिकारियों और सदस्यों को किया गया सम्मानित।
  • भगवान शिव की पूजा हमारे जीवन में आध्यात्मिक संतुलन और शांति लाती है। :– चंद्र प्रकाश जैन।

हजारीबाग। जिले में सामाजिक क्षेत्र में एक अलग पहचान स्थापित करते हुए पिछले तीन वर्षों से निरंतर रूप से सामाजिक और धार्मिक कार्यों में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने वाली संस्था हजारीबाग यूथ विंग के द्वारा लगातार सावन के चौथी सोमवारी के अवसर पर बुढ़वा महादेव मंदिर प्रांगण में शिव भक्तों के बीच दूध बेलपत्र का वितरण किया गया वितरण के दौरान करीब 41 लीटर से भी अधिक दूध का वितरण किया गया सभी शिव भक्त हर हर महादेव, ॐ नमः शिवाय के जयकारों के साथ सामग्री प्राप्त कर रहे थे। प्रातः 6:00 से शिव भक्तों की सेवा में समर्पित नजर आए संस्था के पदाधिकारी और सदस्य गण। इस बीच संस्था के संरक्षक चंद्र प्रकाश जैन के द्वारा सभी पदाधिकारी और सदस्यों को अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया. इसके पूर्व सभी ने भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर क्षेत्र वासियों के सुख शांति समृद्धि की मंगल कामना की। भक्ति गीत से सभी आनंदित होकर भगवान भोलेनाथ की पूजा में समर्पित नजर आ रहें थें।

इस अवसर पर मुख्य रूप से संरक्षक चंद्र प्रकाश जैन, सचिव संजय कुमार, उपाध्यक्ष विकास केसरी,कोषाध्यक्ष रितेश खण्डेलवाल,कार्यकारिणी सदस्य वीरेंद्र गर्ग उर्फ बिट्टू बिहारी,अभिषेक पांडे, विकास तिवारी,उदित तिवारी,संजय सिंह एवं नीरज सिन्हा सहित कई लोग उपस्थित रहे।

मौके पर संरक्षक चंद्र प्रकाश जैन ने कहा की भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र और दूध का विशेष महत्व है। इस वितरण का उद्देश्य भक्तों को भगवान शिव की आराधना में सहूलियत प्रदान करना और उन्हें आध्यात्मिक शांति की अनुभूति कराना है। समाज के सभी लोगों को धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेना चाहिए और अपनी संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखना चाहिए।इस पहल से अनेक शिवभक्त लाभान्वित हुए और उन्होंने संस्था के इस नेक कार्य के लिए धन्यवाद किया। यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और सभी ने इसे सराहा। भगवान शिव की पूजा हमारे जीवन में आध्यात्मिक संतुलन और शांति लाती है। बेलपत्र और दूध का अर्पण शिवजी को प्रसन्न करने का सर्वोत्तम तरीका है। इस वितरण का उद्देश्य भक्तों को भगवान शिव के प्रति उनकी भक्ति और श्रद्धा को और मजबूत करना है। हमारी संस्कृति और धर्म हमारे समाज की नींव हैं, और हमें इसे जीवित रखना चाहिए।

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