Friday, November 8, 2024
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शीना चौहान की थिएटर पृष्ठभूमि और सुबोध भावे की महारत हिंदी फिल्म संत तुकाराम में अवली जीजाबाई के दमदार किरदार को जीवंत करने में एक साथ आईं

मुंबई, भारत – प्रतिभाशाली अभिनेत्री शीना चौहान ने आदित्य ओम द्वारा निर्देशित हिंदी फिल्म संत तुकाराम में अवली जीजाबाई की भूमिका निभाकर अपनी पहली प्रमुख हिंदी फिल्म में कदम रखा। उनके साथ प्रमुख मराठी अभिनेता सुबोध भावे हैं, जो संत तुकाराम की भूमिका में दिखाई देंगे। अपनी अद्भुत अभिनय क्षमता के लिए जाने जाने वाले भावे ने शीना के प्रदर्शन को निखारने में अहम भूमिका निभाई।

सुबोध भावे ने उनके साथ काम करने के अनुभव को साझा करते हुए कहा, “यह पहली बार है जब मैं शीना के साथ काम कर रहा हूं। वह सेट पर अपनी भूमिका के प्रति पूरी तरह समर्पित रहती हैं। वह अपनी भूमिका में गहराई से डूबकर काम करती हैं, चाहे वह भावुक दृश्य हो या हल्का-फुल्का। उनकी मेहनत और ईमानदारी ने हर दृश्य में जान डाल दी।”

शीना चौहान का थिएटर में पांच साल का अनुभव उन्हें अवली जीजाबाई जैसे ऐतिहासिक किरदार में अद्भुत गहराई और दृढ़ता लाने में मदद करता है। विविध भूमिकाओं में सहजता से ढलने के लिए पहचानी जाने वाली शीना ने अपने करियर की शुरुआत दक्षिण भारतीय फिल्मों से की थी, जिसमें वह ममूटी के साथ नजर आईं। उनकी अन्य चर्चित भूमिकाओं में नेटफ्लिक्स की एंट स्टोरी और एक्स-मेट्स में एक आधुनिक भारतीय महिला का किरदार शामिल है। इन समकालीन भूमिकाओं से इतर, अवली जीजाबाई का ऐतिहासिक किरदार उनकी बहुमुखी प्रतिभा का प्रमाण है।

शीना ने कहा, “आधुनिक किरदारों से हटकर अवली जीजाबाई जैसी ऐतिहासिक भूमिका निभाना मेरे लिए एक चुनौती और सीखने का अवसर था। निर्देशक आदित्य ओम ने मुझे पूरी तरह मार्गदर्शन दिया, जिससे मैंने किरदार की जटिलताओं को समझा और उसमें प्रामाणिकता लाई। सुबोध सर के अनुभव और मेरे थिएटर प्रशिक्षण ने मिलकर इस किरदार को वास्तविक बना दिया।”

भावे ने भी चौहान के समर्पण की प्रशंसा करते हुए कहा, “शीना हर पल कुछ नया सीखने की चाह रखती हैं और अपने काम में नवीनता लाने के लिए तैयार रहती हैं। यह उनकी सबसे बड़ी खूबी है।”

संत तुकाराम में, आदित्य ओम के निर्देशन ने संत तुकाराम और अवली जीजाबाई के संघर्ष और आत्मिक शक्ति को बारीकी से प्रस्तुत किया है। फिल्म में शीना चौहान का प्रदर्शन उनकी अभिनय क्षमता और गहराई का एक और प्रमाण है, जो उन्हें भारतीय सिनेमा की अग्रणी उभरती प्रतिभाओं में शामिल करता है। दर्शक उनकी और सुबोध भावे की प्रभावशाली ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री को देखने के लिए उत्सुक हैं, जो भक्ति, धैर्य और समर्पण की इस कहानी में चार चांद लगाएगी।

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