Monday, September 16, 2024
HomeHindiदिल्ली विश्वविद्यालय में पानी के लिए मची त्राहिमाम, किताबों की जगह उठाना...

दिल्ली विश्वविद्यालय में पानी के लिए मची त्राहिमाम, किताबों की जगह उठाना पड़ रहा मटका!

तपती धूप और चिलचिलाती गर्मी में भी दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे बड़े संस्थान में पानी जैसी आधारभूत ज़रूरत का अभाव देखने को मिल रहा है । छात्रों का कहना है कि पानी कोई सुविधा नहीं, बल्कि हमारी जरूरत है और इस ज़रूरत का अभाव विश्वविद्यालय के लगभग कॉलेज परिसर में देखी जा रही है । कहीं वॉटर कूलर नहीं है , कहीं पानी ही नहीं आता है कहीं सब कुछ होने के बावजूद पानी पीने लायक नहीं आता ।

लक्ष्मीबाई कॉलेज की छात्रा अहाना द्वारा जब पानी की क्वॉलिटी चेक की जाती है तो पानी का TDS 892 निकल कर आता है । यह पानी पीने योग्य बिल्कुल भी नहीं होता है । विद्यार्थियों द्वारा आरटीआई लगाई गई जिसके बाद कॉलेज प्रशासन ने 11 वॉटर कूलर क्लेम किए हैं जिनमें से केवल 9 वॉटर कूलर में फिल्टर लगे हुए हैं । छात्राओं का कहना है कि जिसमें से केवल 3 से 4 वॉटर कूलर का पानी पीने योग्य है जिसका TDS 100 – 200 है तो बाकी 6 वाटर कूलर का क्या?

दिल्ली विश्वविद्यालय

इसके बाद विधि के छात्र रौनक खत्री द्वारा जब अन्य कॉलेजों में पानी की स्थिति का पता लगाया जाता है तो अरबिंदो महाविद्यालय के ना ही किसी वॉशरूम में पानी आता है न किसी वॉटर कूलर में । केवल एडमिन ऑफिस के पास का कूलर वर्किंग कंडीशन में मिलता है । यही स्थिति श्री तेग बहादुर खालसा कॉलेज व शहीद भगत सिंह कॉलेज की भी है जहां वॉटर कूलर में छिपकली तक घूमती दिखी है ।

लॉ फैकल्टी के उमंग भवन में 6000 बच्चों के बीच केवल 8 वॉटर कूलर हैं, जिनमें से केवल तीन वॉटर कूलर में ठंडा पानी आता है बाकी 4 में नॉर्मल पानी आता है वो भी अधिक TDS लेवल के साथ । 1 वॉटर कूलर काम में नहीं आता और ग्राउंड फ्लोर पर एक भी वॉटर कूलर उपलब्ध नहीं है।

रिपोर्टर प्रिया शुक्ला को किरोड़ीमल महाविद्यालय के जागृति व जतिन ने बताया कि पानी पीने के लिए उन्हें लाइब्रेरी से निकलकर नीचे जाना पड़ता है । छात्रा हरलीन ने बताया कि केवल लाइब्रेरी ही नहीं ,बल्कि कॉलेज की मेन बिल्डिंग में भी वॉटर कूलर की समस्या दोपहर के बाद से बनी रहती है ।

रौनक खत्री समेत अन्य छात्रों ने कुलपति को पत्र लिखा , प्रशासन से गुहार लगाकर थक गए पर प्रशासन द्वारा कोई समाधान नहीं निकाला जा रहा। इससे परेशान होकर छात्रों ने विरोध स्वरूप मटका यात्रा निकाली । अधिक संख्या में छात्रों ने अपना मटका खरीदकर उसमें खुद पानी भरकर लॉ फैकल्टी व उत्तरी परिसर के अन्य जगहों पर पीने के लिए पानी रखा ।

यह समस्या केवल शहीद भगत सिंह, लक्ष्मीबाई व खालसा कॉलेज की नहीं ,बल्कि दिल्ली विश्वविद्यालय के लगभग कॉलेज परिसरों में बनी हुई है जिस पर प्रशासन को एक्शन ज़रूर लेना चाहिए ।

RELATED ARTICLES

Most Popular