बाॅलीवुड में “सरकार” और “सरकार राज” के बाद अब “तिवारी सरकार” नाम की एक ऐतिहासिक फिल्म चर्चा में है। यह फिल्म भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद के जीवन पर आधारित है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में चंद्रशेखर आजाद एक अमर नायक रहे हैं। उन्होंने मात्र 15 वर्ष की उम्र में अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष शुरू किया और “आजाद” उपनाम धारण कर लिया। उनका असली नाम चंद्रशेखर सीताराम तिवारी था और उनके पिता का नाम सीताराम तिवारी था। जो आज की पीढ़ी के लिए बहुत कम ज्ञात है।
विदित हो कि, चंद्रशेखर आजाद पर कई फिल्में बन चुकी हैं। जिनमें “शहीद” (1965), “23 मार्च 1931: शहीद” (2002), “द लीजेंड ऑफ भगत सिंह” (2002), “शहीद-ए-आजम” (2002) और “शहीद चंद्रशेखर आजाद” (2020) उल्लेखनीय हैं। इन फिल्मों में मनमोहन, सनी देओल, अखिलेंद्र मिश्रा, राज जुत्शी और ऋषभ राज ने आजाद की भूमिका निभाई है। इन सभी फिल्मों ने चंद्रशेखर आजाद के अदम्य साहस, देशभक्ति और बलिदान को भावपूर्ण ढंग से दर्शाया। लेकिन “तिवारी सरकार” इन सभी से अलग और विशिष्ट है। ऐसा एस. के. तिवारी का कहना है। वह स्वयं आजाद का किरदार निभा रहे हैं।
इस फिल्म का निर्माण तिवारी प्रोडक्शन के बैनर तले हो रहा है और निर्देशन कर रहे हैं एस.के. तिवारी, जो सतना (म.प्र.) के रहने वाले एक प्रतिभाशाली अभिनेता, निर्माता और निर्देशक हैं।
एस.के. तिवारी इससे पहले म्यूजिक वीडियो “अधूरा तेरे बिन” और “ना पूछूंगा कोई सवाल” के लिए भी चर्चित रहे हैं। साथ ही वे वेब सीरीज़ “सॉरी”, “कोतवाल” और “दासी” पर भी कार्य कर रहे हैं।
“तिवारी सरकार” सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक युगपुरुष को श्रद्धांजलि है – उनके असली नाम, संघर्ष और बलिदान को पहचान देने का एक प्रयास। यह फिल्म न केवल ऐतिहासिक तथ्यों को उजागर करती है, बल्कि युवा पीढ़ी को अपने नायकों की असली पहचान से भी जोड़ती है। फिल्म में आजाद की वैचारिक दृढ़ता, संगठनात्मक कुशलता और उनका ‘आजाद’ रहने का संकल्प बड़े ही प्रभावशाली रूप में सामने आता है। उम्मीद की जा रही है कि यह फिल्म न केवल सिनेमा प्रेमियों को, बल्कि इतिहास के विद्यार्थियों को भी गहराई से प्रभावित करेगी।
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