Saturday, August 23, 2025
HomeHindiअपूर्व अभिनय की शुरुआत: ग्रीन सिनेमा अवॉर्ड्स 2025 में अपर्णा मलिक को...

अपूर्व अभिनय की शुरुआत: ग्रीन सिनेमा अवॉर्ड्स 2025 में अपर्णा मलिक को मिला बेस्ट डेब्यू एक्ट्रेस का सम्मान

भोजपुरी सिनेमा को मिली नई स्टार: अपर्णा मलिक की दमदार एंट्री

भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री की नई चमकती हुई प्रतिभा अपर्णा मलिक ने अपने करियर की शुरुआत में ही बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्हें ग्रीन सिनेमा अवॉर्ड शो 2025 में बेस्ट डेब्यू एक्ट्रेस का खिताब मिला है। यह सम्मान उन्हें सामाजिक मुद्दों पर आधारित चर्चित फिल्म ‘सास बहू की पंचायत’ में अपने प्रभावशाली अभिनय के लिए प्रदान किया गया।

‘सास बहू की पंचायत’ में समाज की सच्चाइयों को किया उजागर

इस फिल्म का निर्देशन प्रवीण गुदरी ने किया है, और इसे प्रदीप सिंह ने प्रोड्यूस किया है। फिल्म एक ऐसी महिला किरदार की कहानी है, जो पारंपरिक सोच को तोड़ते हुए समाज में बदलाव की अलख जगाती है। अपर्णा ने अपने किरदार को इतनी संवेदनशीलता और मजबूती के साथ निभाया कि वह सीधे दर्शकों के दिलों तक पहुंच गईं।

भावुक हुए अपर्णा के शब्द: “यह सिर्फ एक अवॉर्ड नहीं…”

अवॉर्ड मंच से अपने अनुभव साझा करते हुए अपर्णा मलिक ने कहा,

“यह सिर्फ एक अवॉर्ड नहीं, यह मेरी मेहनत, मेरे माता-पिता के आशीर्वाद और मेरी टीम के भरोसे की जीत है। मैं उन सभी दर्शकों का दिल से धन्यवाद देती हूँ, जिन्होंने मुझे अपनाया और सराहा। निर्देशक प्रवीण गुदरी और निर्माता प्रदीप सिंह का विशेष आभार जिन्होंने मुझे इस सशक्त भूमिका के लिए चुना।”

उन्होंने यह भी कहा,

“मैं चाहती हूँ कि मेरा काम उन लड़कियों के लिए प्रेरणा बने, जो छोटे शहरों से बड़े सपने लेकर आती हैं। यह मेरी शुरुआत है, लेकिन मैं चाहती हूँ कि यह एक आंदोलन बने—महिला किरदारों को नए आयाम देने वाला।”

भोजपुरी सिनेमा के बदलते रंगों की प्रतीक

अपर्णा ने अपने वक्तव्य में भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के बदलते स्वरूप पर भी रोशनी डाली। उन्होंने कहा,

“भोजपुरी सिनेमा अब सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं रह गया है, यह सामाजिक जिम्मेदारी निभाने के रास्ते पर है। महिला किरदारों को अब सिर्फ ग्लैमर तक नहीं, बल्कि सामाजिक संदेश देने वाले सशक्त पात्रों के रूप में देखा जा रहा है।”

फिल्म की थीम: महिला सशक्तिकरण और पारिवारिक संघर्ष

‘सास बहू की पंचायत’ एक ऐसी फिल्म है, जो ग्रामीण भारत की पृष्ठभूमि में रची-बसी है और महिलाओं के सामाजिक संघर्ष, आत्मसम्मान और अधिकारों की बात करती है। फिल्म महिला सशक्तिकरण और परिवार में महिलाओं की भूमिका को नए दृष्टिकोण से पेश करती है।

दर्शकों की प्रतिक्रिया: नए चेहरे को भरपूर प्यार

अपर्णा मलिक को दर्शकों ने बेहद सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। उनकी अभिनय क्षमता, स्क्रीन प्रेज़ेंस और भावनात्मक गहराई को फिल्म समीक्षकों ने भी सराहा है। यह सिर्फ एक करियर की शुरुआत नहीं, बल्कि भोजपुरी सिनेमा के एक नए युग की दस्तक है।

निष्कर्ष: उम्मीदों की नई किरण

अपर्णा मलिक की यह उपलब्धि न केवल उनके लिए बल्कि पूरी भोजपुरी इंडस्ट्री के लिए प्रेरणास्रोत है। एक तरफ़ यह युवा प्रतिभाओं को मंच देने की ज़रूरत को उजागर करती है, तो दूसरी तरफ़ महिला केंद्रित सशक्त कहानियों को प्रमुखता देने का संकेत भी देती है। यह देखना रोमांचक होगा कि अपर्णा मलिक आगे किन-किन नए किरदारों से दर्शकों को चौंकाती हैं।

RELATED ARTICLES

Most Popular