Barkagaon: हजारीबाग के बड़कागांव स्थित पंकरी बरवाडीह स्थित विश्व प्रसिद्ध में मेगालिथ स्थल के इक्निवोक्स प्वाइंट के दो मीनार ( पत्थरों) के बीच से सुर्योदय के अद्भुत नजारा को देखने अहले सुबह ही स्थानीय व दूर- दराज के लोग पहुंचते हैं और इस अद्भुत खगोलीय घटना को स्वंय दीदार कर एंव अपने मोबाइल में कैद कर अभिभूत होते हैं। वहीं पढ़ने लिखने या फिर इस विषय में रुचि रखने वाले जिज्ञासु छात्र- छात्राओं व शोध करने वाले शोधार्थी भी अपने स्तर से और बेहतर तरीके से समझने बुझने के लिए इस स्थल में इस दिन की प्रतीक्षा कर 21 मार्च की सुबह पहुंचते हैं। इस खगोलीय घटना के अद्भुत नजारा को बीआईटी मेसरा में अध्यापन करा रहे ऋचा शर्मा एंव बीआईटी मेसरा के जिज्ञासु छात्र -छात्राएं पहुंचे।
इस मौके पर श्रीमति शर्मा ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि इस तरह का नजारा मैंने पहली बार देखा और इस स्थल से सुर्योदय के अद्भुत नजारे को देखकर अपनी आंखों पर विश्वास ही नहीं होता । वहीं आगे उन्होंने कहा कि यह मेगालिथ स्थल नहीं है बल्कि यह एक इक्निवोक्स प्वाइंट है जो कर्क और मकर रेखा पर 21 मार्च व 23 सितंबर को सुर्य की किरणें सीधी पड़ती जिसके कारण समदिवारात्रि होता है। और यह स्थल पुर्वजों के उन्नत और समृद्ध ज्ञान को दर्शाता है और इसका जीता जागता उदाहरण है कि उनका दिशा, समय और काल का पता उस जमाने सटीक लगा लेते थे जब कोई घड़ी, कैलेंडर या पंचांग नहीं हुआ करता था। ऐसे धरोहरों को संरक्षण करने की आवश्यकता है जो कि भावी पीढ़ी के लोग भी उनके इस ज्ञान को जान और समझ सकें। वहीं बाहर से आए लोगों ने कुछ दूरी पर स्थित पचपड़वा स्थित बौद्ध स्तूप भी देखें।
इस मौके पर कोलंबिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दो सुरजीत घोष, रांची से आए डाॅक्टर गोविंद शर्मा, पश्चिम बंगाल से कौशिक दे सरकार अर्पण द अनुभव चौधरी स्नेहा कौर कौशिकी कुंडू कोंकण घोष दिलीप दा,राजेश एंव ग्रामिण सहायक शिक्षक अशोक साहू के अलावा सैकड़ो लोग उपस्थित होकर एक विनोक्स का नजारा लिया ।