Saturday, September 14, 2024
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Kanhachatti News: आजादी के 76 वर्ष बीतने के बाद भी अनुसूचित जनजातियों के गांव डेबरा है विकास से है महरूम

  • ना ही सड़क, ना गली और आज तक ना हुआ नाली का निर्माण
  • पी एच डी विभाग भी जनजातियों के साथ कर रहा है छलावा
  • विकास से महरूम डेबरा गांव लोक सभा मे वोट का करेंगे बहिष्कार

Kanhachatti News :-सरकार आदिवासी, अनुशुचित जाती अनिसुचित जनजाति के गांवों में विकास की खूब दावा करती है।इन गांवो में विकास के नाम पर करोड़ो अरबो खर्च भले ही कर रही है।लेकिन आज आजादी के 76 वर्ष बीतने के बाद भी कई ऐसे ऐसे एस टी ऐसी गांव हैं जहां पर विकास की किरण तक नहीं पहुंच पाई है।नेता मंत्री विधायक और सांसद ढोल पिट रहे हैं कि हमारा झारखण्ड में आदिवासियों का विकास हो रहा है।

इनके नाम पर करोड़ो खर्च लेकिन आज भी गांव में करोड़ो की जगह पर हजार और सौ भी गांव में खर्च नहीं किये जा रहे हैं।ऐसा ही मामला कान्हाचट्टी प्रखंड के कई गांवो से आया है जहां पर आदिवासी, अनिसुचित जाती और अनुसूचित जनजाति के लोग निवास करते हैं जहां पर विकास के नाम पर केवल खाना पूर्ति की जा रही है।राजपुर गांव से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित रोशना से डेबरा गांव तक जाने के लिए आज भी आदिवासी परिवार के लोग विकास योजनाओं से महरूम हैं।डेबरा गांव में आज तक सड़क कच्ची ही है।

पक्का सड़क के लिए आज के इस टेक्नोलॉजी युग मे भी पगडंडी के सहारे गांव पहुंचते हैं।अर्थात ये कहा जाए कि डेबरा गांव में लगभग 25 से 30 घर के भोक्ता समाज के लोग निवास करते हैं।लेकिन आजादी के 76 वर्ष बीतने के बाद भी विकास की किरण नहीं पहुंची ।मजे की बात तो ये है कि चतरा में जो विधायक हैं वो भी भोक्ता समाज से हैं लेकिन भोक्ता समाज के गांव मव आज भी विकास के नाम पर छलावा हुआ है।मंत्री भी जिस समाज का हो और उस समाज ले गांव में विकास के लिए तरस रहे हों,समाज का विकास कैसे होगा।

Kanhachatti News: Even after 76 years of independence, Scheduled Tribe village Debra is deprived of development.

गांव के पूर्व समिति सदस्य बिनोद भोक्ता बताते हैं कि हमारा गांव में 25 से 30 घर भोक्ता समाज के लोग निवास करते हैं हमारे समाज से मंत्री कई बार रहे हैं लेकिन गांव का विकास आज भी नहीं हुआ है।गांव में ना ही नाली बना और ना ही नली।स्कूल एक है भी तो प्राइमरी स्कूल है जिसमे मात्र एक शिक्षक जब कोई कार्यालय का काम होता है है तो स्कूल बंद हो जाता है।इतना ही नही एक जलमीनार बन रहा है वो भी तीन साल में आज तक निर्माण हो ही रहा है।पी एच डी विभाग भी आदिवासियों के साथ छलावा ही कर रही है।

उन्होंने कहा कि हमारे गांव में जलमीनार बन रहा है उसमें भी तीन साल में जलमीनार नहीं बना जिससे यह प्रतीत होता है कि जलमीनार खुद प्यासा है तो ग्रामीणों को प्यास क्या बुझाएगा।ग्रामीणों ने कहा कि हमारे गांव आज भी उपेक्षित महसूस कर रहा है।और जब चुनाव आता है तो पार्टी के नेता कार्यकर्ता बड़ी बड़ी डिंग हांकते है कि गांव में विकास की गंगा बहा देंगे लेकिन आजादी के 76 साल बाद लोगो को पानी भी नसीब नहीं हो रहा है ग्रामीणों ने जलमीनार संवेदक जागेश्वर यादव पर कार्रवाई की मांग उपायुक्त से करते हुए सभी घरों में पानी उपलब्ध कराने की मांग किए हैं।

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