करमा भाई-बहनों के अटूट प्रेम का प्रतीक प्रकृतिक पर्व के शुभ अवसर पर भुईया समाज ने एक विशेष समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर समाज सेवी और शांति समिति के सदस्य फहिम उद्दिन अहमद उर्फ संजर मलिक ने समारोह में भाग लिया और वहां के पारंपरिक संगीत, नृत्य और गीतों में हिस्सा लिया।
समारोह में भुईया समाज के लोग अपने पारंपरिक वेशभूषा में सजे-धजे थे और उन्होंने अपने रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा-अर्चना की। इस पर्व का महत्व न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। करमा पर्व में लोग अपने भाई-बहनों के प्रति प्रेम और स्नेह प्रकट करते हैं और आपस में एकजुटता की भावना को मजबूत करते हैं।
समारोह के दौरान, पारंपरिक करमा नृत्य प्रस्तुत किया गया, जिसमें समाज के युवा और बुजुर्ग सभी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। संजर मलिक ने भी इस नृत्य में भाग लिया और समाज के लोगों के साथ मिलकर आनंद उठाया। उन्होंने कहा कि यह पर्व हमारे देश की विविधता और खूबसूरती को दर्शाता है। यहां का भाईचारा और प्रेम की भावना ऐसी है जो और कहीं भी देखने को नहीं मिलेगी।
समारोह में शामिल सभी लोगों ने संजर मलिक की उपस्थिति की सराहना की और उनके समाज सेवा कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि संजर मलिक हमेशा समाज की भलाई के लिए तत्पर रहते हैं और उनके कार्यों से समाज को बहुत लाभ मिलता है।
संजर मलिक ने अंत में सभी को शुभकामनाएं दीं और कहा कि हम सभी को मिलकर अपने समाज को और भी मजबूत बनाना है और आपसी प्रेम और भाईचारे की भावना को बनाए रखना है। इस पर्व के माध्यम से हमें यह संदेश मिलता है कि हम सभी एक दूसरे के सुख-दुख में साथ हैं और यह भावना ही हमारे समाज को मजबूत बनाती है।