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- उद्योग जगत के लीडर, विशेषज्ञ नई पीढ़ी के सीए पाठ्यक्रम को आकार देने के लिए एक मंच पर इकट्ठा हुए
- सीएफओ से सीईओ तकः आईसीएआई ने चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स के लिए आधुनिक करियर के विकास पर किया विचार-विमर्श
- एआई,ईएसजी और फोरेंसिक अकाउन्टिंग पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया
द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने अपने बोर्ड ऑफ स्टडीज़ (एकेडमिक) के माध्यम से नई दिल्ली में ‘ब्रेनस्टोर्मिंग मीट फॉर एकेडमिक एक्सीलेन्स’ का आयोजन किया। इस मीट में आईसीएआई के मौजूदा एवं पूर्व लीडर, उद्योग जगत के विशेषज्ञ, शिक्षाविद और प्रोफेशनल्स एक मंच पर इकट्ठा हुए तथा चार्टर्ड अकाउन्टेन्सी के पेशे के अकादमिक ढांचे को मजबूत बनाने पर विचार-विमर्श किया।
इस विचार-विमर्श में शैक्षणिक पहलों की गुणवत्ता एवं प्रासंगिकता बढ़ाने, लर्निंग को विश्वस्तरीय मानदंडों के अनुरूप बनाने तथा छात्रों को उभरते विषयों जैसे सस्टेनेबिलिटी, फिनटेक, डेटा साइंस, डिजिटल लर्निंग एवं उद्योग जगत से जुड़ी केस-स्टडीज़न के लिए तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
इस अवसर पर सीए चरणजोत सिंह नंदा, प्रेज़ीडेन्ट, आईसीएआई ने कहा, ‘‘अकादमिक उत्कृष्टता, आईसीएआई की विश्वस्तरीय प्रतिष्ठा का आधार है। आने वाले कल के चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट- बहुआयामी प्रोफेशनल, भरोसेमंद सलाहकार, टेक्नोलॉजी-उन्मुख लीडर, विश्वस्तरीय नागरिक और सार्वजनिक हितों के नैतिक संरक्षक होने चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप हमारा नया पाठ्यक्रम, व्यवहारिक लर्निंग, टेक्नोलॉजी के एकीकरण एवं सॉफ्ट स्किल्स पर ज़ोर देता है। आधुनिक विषयों जैसे डेटा एनालिटिक्स, आर्टीफिशियल इंटेलीजेन्स, ईएसजी एवं फोरेन्सिक अकाउन्टिंग, तथा डिजिटल लर्निंग टूल्स के साथ, हम छात्रों में विश्लेषणात्मक और उद्यमी क्षमता विकसित करना चाहते हैं, ताकि वे उभरते क्षेत्रों में अवसरों का लाभ उठाने तथा उद्योग जगत के बदलते रूझानों के अनुसार अपने आप को ढालने में सक्षम हों।’
हाल ही में आईसीएआई की पहलों पर रोशनी डालते हुए सीए प्रसन्ना कुमार डी, वाईस प्रेज़ीडेन्ट, आईसीएआई ने कहा, ‘‘आईसीएआई न सिर्फ अकादमिक उत्कृष्टता बल्कि छात्रों के समग्र विकास के लिए भी प्रतिबद्ध है। मेंटरशिप प्रोग्राम सीए सारथी जो अनुभवी चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स को छात्रों को साथ जोड़कर उन्हें व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान करती है; तथा प्लेटफॉर्म ‘चर्चा का विषयः सीए परीक्षा- लैट्स टॉकः द सीए एक्ज़ाम’ जो सवालों को हल कर छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ाता है- इस तरह की पहलों के माध्यम से हम एक अनुकूल माहौल बनाते हैं। ये प्रयास सुनिश्चित करते हैं कि हमारे छात्र न सिर्फ बेहतरीन अकाउन्टेन्ट बनें बल्कि भविष्य के लिए तैयार दूरदृष्टा लीडर भी बनें।’’
व्यवहारिक और सामरिक सुधारों पर विशेषज्ञों द्वारा विचार -विमर्श
ब्रेनस्टोर्मिंग मीट के दौरान विशेषज्ञों ने टेक्सेशन, अकाउंन्टिंग, लॉ, ऑडिटिंग एवं करियर विकास, सीए पाठ्यक्रम में व्यवहारिक अनुभव, इनोवेशन एवं टेक्नोलॉजी के नैतिक उपयोग जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया।
टैक्सेशन सत्र के दौरान सीए पाठ्यक्रम में एआई के नैतिक एकीकरण और बहु-आयामी केस स्टडीज़ की अनुशंसा दी गई। अकाउन्टिंग सत्र ने सीएफओ इंटरैक्शन में व्यवहारिक लर्निंग, गेमीफिकेशन और गवर्नमेन्ट अकाउन्टिंग पर ज़ोर दिया। लॉ सत्र में एडवोकेसी कौशल, कानूनी व्याख्या और अदालती तैयारी पर ध्यान केंद्रित किया गया।
ऑडिटिंग सत्र में ऑडिट के व्यवहारिक तरीकों, स्टार्ट-अप ऑर्डि्स की पेशकश, इनके अनूठे मॉडल एवं अनुपालन की चुनौतियों पर रोशनी डाली गई। साथ ही चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स के लिए आधुनिक करियर के विकास को सशक्त बनाने की आवश्यकता, उन्हें सीएफओ से सीईओ लीडरशिप की भूमिका में सक्षम बनाने, उद्यमिता की क्षमता बढ़ाने, तथा आज के जीवंत बिज़नेस माहौल में सामरिक एवं विश्लेषणात्मक विचार कौशल की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया।
यह पहल भविष्य के लिए तैयार चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स को बढ़ावा देने की आईसीएआई की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है, जो दक्षता, अनुकूलनशीलता और अखंडता के साथ विश्वस्तरीय पेशेवर चुनौतियों को हल कर सकें।
सीए हंस राज चुघ, चेयरमैन, बीओएस (ए) आईसीएआई ने कहा, ‘चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स केवल फाइनैंशियल सलाहकार ही नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माता भी हैं। आज के तेज़ी से विकसित होते परिवेश में आईसीएआई लगातार इस बात पर विचार कर रहा है कि छात्रों को आज के दौर के अनुसार प्रासंगिक कैसे बनाया जाए। व्यापक अध्ययन स्रोतों, लाईव वर्चुअल क्लासेज़, मेंटरशिप प्रोग्रामों और ओपन हाउस सत्रों के माध्यम से आईसीएआई महत्वाकांक्षी प्रोफेशनल्स के लिए लर्निंग का अनुकूल एवं भविष्य के लिए तैयार माहौल बनाता है।’
इस चर्चा ने उद्योग जगत की ज़रूरतों, विश्वस्तरीय मानकों एवं भावी चुनौतियों के अनुसार रूझान प्रदान किए। इन रूझानों ने पाठ्यक्रम के डिज़ाइन, अध्ययन स्रोतों, डिजिटल लर्निंग एवं कौशल विकास में भावी सुधार के लिए दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स की अगली पीढ़ी आज की बदलती दुनिया में दक्षता, अनुकूलनशीलता और अखंडता के साथ नेतृत्व करती रहे।
About ICAI
The Institute of Chartered Accountants of India (ICAI) is a statutory body set up by an Act of Parliament under the Chartered Accountants Act, 1949 for the regulation and development of the profession of Chartered Accountancy in India. The Institute functions under the administrative supervision of the Ministry of Corporate Affairs, Government of India. With over 15 Lakh Members and Students, today ICAI is the largest professional accountancy body in the world. ICAI has a wide network of 5 Regional Councils and 183 Branches within India and a global presence with 54 Overseas Chapters and 31 Representative Offices spanning 85 cities across 47 Countries worldwide.